शबनम समाचार | हिंदी | पुणे, १५ सितंबर :
हमारे देश में विविधतापूर्ण भाषा है. वे सब समृद्धी भाषा है. हम अपने पूरे देश के लिए एक भाषा को संपर्क भाषा के रूप में हिंदी को देखते है. क्योंकि हिंदी हमारी राजभाषा है. अब हमारा वास्तविक दायित्व है की हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिए अपना योगदान दे. दृढ़ इच्छा शक्ती के साथ ही हम हमारा उद्देश साध्य कर सकते है. क्योंकी हिंदीसहित भारतीय अन्य भाषा में भी सशक्ता है. यह बात केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कही.
तिसरे अखिल भारतीय राजभाषा सम्मेलन का आयोजन के दूसरे दिन शुक्रवार (ता. १५) को पुणे के बालेवाड़ी के यहां श्री शिवछत्रपति स्पोट्र्स कॉम्प्लेक्स में, आयोजित शुक्रवार के दूसरे सत्र में, नराकास: राजभाषा कार्यान्वयन का प्रभावशाली मंच इस विषय पर विविध मान्यवरों ने अपने विचार रखे.
केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजयकुमार मिश्रा, आई.ओ.बी. के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी अजयकुमार श्रीवास्तव, मुंबई के मुख्य आयकर आयुक्त सुश्री जहांजेब अख्तर, गाजियाबाद के मुख्य आयकर आयुक्त डॉ. शुचितस्मिता पलाई, हडको के निदेशक एम. नागराज, इग्नू के कुलपती प्रो. नागेश्वरराव, पंजाब नेशनल बैंक के मुख्य महाप्रबंधक समीर वाजपेयी उपस्थित थे. इस अवसर पर नराकास पुरस्कार भी प्रदान किए गए. केंद्र सरकारी कार्यालय के अधिकारीओं को यह पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया.
हडको के निदेशक एम. नागराज ने कहा की, मैं तमिलनाडू का रहनेवाला हूं. मेरी जन्मभूमी तमिलनाडू और कर्मभूमी दिल्ली है. कर्मभूमी दिल्ली होने के कारण मैंने सोच लिया हिंदी सिखना जरूरी है. अब हमने नियम बना रखा है की कार्यालय में हिंदी ही बोलना और हिंदी में ही कार्य करना और अब हम हिंदी में ही बोलते है और कार्यालय में भी हिंदी में ही कामकाज चलता है.
गाजियाबाद की मुख्य आयकर आयुक्त डॉ. शुचिस्मिता पलाई ने कहां की मैं उडीसा से हूं. मैं शास्त्रीय संगीत की स्टूडंट हूं. इसलिए मैंने हिंदी सिख ली. मैं अब हिंदी में गाना भी गाती हुं. हिंदी प्रभा नाम की पत्रिका भी हमने शुरू की है. हम लोग हर महिने में कुछ ना कुछ करते ही है. हिंदी को बढ़ावा देना हमारा कर्तव्य है.
मुंबई की मुख्य आयकर आयुक्त जहांजेब अख्तर ने कहा कि भारत की इच्छा है की विश्वगुरु बनने की. इसलिए शाब्दिक कम्युनिकेशन उपयुक्त है. भाषा की माध्यम से ही हम कम्युनिकेशन कर सकते है. प्रकृती की भाषा ही विश्व की भाषा हो सकती है. प्रकृती से जोड़ने के लिए सचेतन हो जाओ. भाषा बुनियादी मूल्यों पर खड़ी रहती है. इसलिए हिंदी मोहब्बत के अलावा जगत के लिए है. यह सोचना चाहिए.
आई.ओ.बी. के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी अजयकुमार श्रीवास्तव ने कहा की, नराकास सशक्त कार्यालयों में समस्याओं का निराकरण करता है. देश का विकास उसके सशक्त भाषा से ही होता है. हमारा देश अमृतकाल में प्रवेश कर रहा है. हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है. हिंदी केलिए नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिती का गठन हुआ है. इस समिती के माध्यम से राजभाषा का प्रसार करने कार्य करती है. केंद्र सरकार ने नराकास को हिंदी के कार्यान्वयक की जिम्मेदारी दी है. बैंक में भी हम हिंदी का प्रचार और प्रचार करते है.
केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहां की मैं जब पहलीबार लोकसभा में आया था उस वक्त मुझे हिंदी कार्यान्वयन समिती में सदस्य बनाया गया था. उसके बाद हिंदी की कार्यान्वयन समिती के नागरी प्रचार समिती में भाग लेने का सौभाग्य मिला. केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहां की, हिंदी के प्रोत्साहन और संवर्धन को आना कर्तव्य मानते है. उन्हें मैं स्मरण करता हुं. हम प्रत्येक वर्ष १४ सितंबर को हिंदी दिवस के तौर पर मनाते है. अब हम अमृतकाल में प्रवेश कर चुके है. हमारा संकल्प है की स्वतंत्रता सेनानी ने देश के आजादी के लिए अपनी कुर्बानीयां दी. इसलिए अगले पच्चीस वर्षे में हम स्वतंत्रता सेनानीओं का सपना पूरा करने का हम प्रयास करेंगे.
पूरे देश के लिए हिंदी अब संपर्कता की भाषा भी होगी. विशेषकर दक्षिण भारत में भी भाषा सिखाने का काम स्वतंत्रता सेनानी करते थे. हिंदी की सशक्तीकरण के लिए कार्य करने वाली समितीओं को मैं शुभेच्छा देता हुं. अपने मातृभाषा के साथ हिंदी के सशक्तीकरण के लिए अपना योगदान दे. हिंदी की विशेषत: यह है की इसमें जो बोला जाता है वही लिखा जाता है. हिंदी तथा अन्य भाषा एक-दूसरे को समृद्ध करती है. भारत का विरासत को समृद्ध करने में भी देश में हिंदी सहित अन्यभाषा का योगदान है. हिंदी हमारी राजभाषा है. उसको तेजी के साथ विकसित करने की. हम सबकी जिम्मेदारी है. हिंदी वास्तविक संवाद की भाषा बने. यह बात भी आरिफ मोहम्मद खान ने कही.